बुधवार, 1 अक्टूबर 2025

मेड इन इंडिया ऐप Arattai हुआ वायरल



No More WhatsApp?? Zoho’s Arattai Messaging App Surges With 350,000 Daily Sign-Ups

WhatsApp खत्म? Zoho का Arattai ऐप धमाका, रोजाना ३.५ लाख नए यूज़र जुड़ रहे हैं


परिचय

नया स्वदेशी मैसेजिंग ऐप Arattai अचानक चर्चाओं में आ गया है। Zoho द्वारा विकसित यह ऐप भारत में WhatsApp की चुनौती बनने की दिशा में बढ़ रहा है। केवल तीन दिन में इसके डेली साइन-अप्स 3,000 से बढ़कर 3,50,000 हो गए। 
केंद्रीय मंत्रियों की समर्थन और “स्वदेशी” टेक ट्रेंड के बीच, यह ऐप भारत में चर्चा का विषय बन गया है।

आइए देखें Arattai क्या है, इसके फीचर्स क्या हैं, फायदे और चुनौतियाँ क्या हो सकती हैं — और क्या यह वास्तव में WhatsApp को टक्कर दे सकता है?



Arattai क्या है?

अरट्टई (Arattai) तमिल भाषा का शब्द है जिसका अर्थ “बातचीत / चिट-चैट” है। 

इसे Zoho Corporation ने विकसित किया है। 

यह एक क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म मैसेजिंग और कॉलिंग ऐप है, जिसमें टेक्स्ट मैसेज, वॉयस / वीडियो कॉल, फाइल शेयरिंग और समूह चैट्स शामिल हैं। 

कंपनी का दावा है कि Arattai पूरी तरह “Indian-made” है और डेटा भी भारत में ही संग्रहित होगा। 



क्यों लोकप्रिय हो रहा है Arattai?

बड़ी यूज़र ग्रोथ

लॉन्च के कुछ दिनों में ही डाउनलोड और साइन-अप में जबरदस्त उछाल: 3,000/day → 3,50,000/day तक। 

ऐप स्टोर पर “Social Networking” कैटेगरी में #1 रैंकिंग प्राप्त की। 


सरकारी समर्थन एवं स्वदेशी टेक ट्रेंड

केंद्रीय मंत्रियों और सरकार ने ऐप को अपनाने का आह्वान किया है। 

आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) और स्वदेशी ऐप्स को बढ़ावा देने की नीतियों से इसे गति मिली है। 


फीचर और टेक्नोलॉजी

कम संसाधन प्रबंधन: ऐप को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह लो-एंड फोनों पर भी सुचारु रूप से चले। 

मल्टी-डिवाइस सपोर्ट — मोबाइल, डेस्कटॉप, टैबलेट आदि। 

एन्ड-टू-एन्ड एनक्रिप्शन (कम से कम कॉल्स के लिए) का दावा। 


फायदे और चुनौतियाँ

✅ Pros / फायदे

1. देशी ऐप: भारत में बनाया गया और डेटा भारत में संग्रहित करने का वादा — इससे गोपनीयता (privacy) का भरोसा बढ़ता है।


2. तेजी से ग्रोथ: यूज़र बेस तेजी से बढ़ रहा है — यह संकेत है कि लोगों में स्वदेशी विकल्प की मांग है।


3. सरल इंटरफ़ेस: उपयोग में आसान डिजाइन, मल्टी-डिवाइस सपोर्ट।


4. कम संसाधन पर काम करने की क्षमता: कमजोर नेटवर्क या पुराने फोन में भी चलने की कोशिश।


5. स्वदेशी टेक विकल्प: विदेशी ऐप्स पर निर्भरता कम करना।



❌ Challenges / चुनौतियाँ

1. गोपनीयता व एन्क्रिप्शन: कहीं-कहीं उपयोगकर्ता शिकायत कर रहे हैं कि end-to-end encryption टेक्स्ट मैसेजेस के लिए अभी पूरी तरह लागू नहीं है। 


2. इन्फ्रास्ट्रक्चर लोड: अचानक यूज़र वृद्धि से सर्वर लोड बढ़ गया, Zoho को तुरंत स्केल करना पड़ा। 


3. प्रतिस्पर्धा: WhatsApp, Telegram, Signal जैसे ऐप्स पहले से मजबूत नेटवर्क प्रभाव रखते हैं।


4. लंबी अवधि में उपयोगकर्ता बनाए रखना: सिर्फ डाउनलोड और साइन-अप से नहीं, यूज़र को ऐप पर बने रहने देना एक बड़ी चुनौती है।


5. फ़ीचर्स की पूर्णता: कुछ उन्नत फीचर्स (जैसे व्यापार उपयोग, API एकीकरण) अभी पूरी तरह उतने विकसित नहीं हो सकते।


निष्कर्ष

Arattai एक महत्वाकांक्षी और दिलचस्प परियोजना है — देशी विकल्प, तेजी से बढ़ती स्वीकार्यता और तकनीकी पहलु इसे बना रहे हैं चर्चा का विषय। हालांकि चुनौतियाँ अभी हैं, लेकिन यदि Zoho इसे बेहतर बनाए रखे और उपयोगकर्ताओं का विश्वास जीत सके, तो यह भारत में मैसेजिंग ऐप की दुनिया में धाक जमा सकता है।




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