प्रमुख कारण
1. सोशल मीडिया बैन और पाबंदियाँ
* नेपाल सरकार ने TikTok, Facebook, Instagram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाबंदी लगाने की कोशिश की।
* सरकार का कहना था कि सोशल मीडिया "अशांति और नफ़रत" फैला रहा है।
* लेकिन युवाओं (खासकर Gen Z) ने इसे *उनकी आवाज़ दबाने* और *अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला* माना।
2. Nepo Babies" और भ्रष्टाचार
* राजनीतिक नेताओं के बच्चे सोशल मीडिया पर लग्ज़री लाइफस्टाइल दिखा रहे थे।
* युवाओं को लगा कि आम जनता गरीबी और बेरोज़गारी से जूझ रही है, लेकिन सत्ता में बैठे परिवार ऐश कर रहे हैं।
* “nepo babies” शब्द प्रोटेस्ट का एक बड़ा नारा बन गया।
3. बेरोज़गारी और भविष्य की असुरक्षा
* नेपाल में युवा बेरोज़गारी बहुत ज़्यादा है।
* बहुत से युवा देश छोड़कर बाहर नौकरी करने जाते हैं।
* Gen Z को लगता है कि सरकार उनके भविष्य के लिए कुछ नहीं कर रही।
4. लोकतंत्र और आज़ादी की चिंता
* युवाओं को डर है कि सरकार धीरे-धीरे लोकतांत्रिक स्वतंत्रताएँ छीन रही है।
* सोशल मीडिया बैन, पुलिस दमन, सेना की तैनाती – ये सब authoritarian (तानाशाही) स्टेप्स की तरह लगे।
5. राजनीतिक नेतृत्व से मोहभंग
* पुराने नेता (जैसे पीएम के.पी. ओली) पर आरोप है कि उन्होंने युवाओं की आवाज़ को अनदेखा किया।
* Gen Z को लगता है कि पारंपरिक राजनीति सिर्फ सत्ता और परिवारवाद पर टिकी है, आम जनता की समस्याओं पर नहीं।
**सिंपल शब्दों में:**
Nepal के Gen Z का गुस्सा इसलिए फूटा क्योंकि उन्हें लगा कि सरकार उनकी *आवाज़ दबा रही है, भ्रष्ट है, और उनके भविष्य के लिए कुछ नहीं कर रही*। सोशल मीडिया बैन ने इस गुस्से को और ज्यादा भड़का दिया।
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